1. पहले एफआईआर धारा 154 सीआरपीसी में दर्ज होती थी? अब एफआईआर धारा 173 बीएनएसएस में होगी।
2. दीदी .... कहीं वो अपने बयान से पलट तो नहीं जायेंगे? डरने की बात नहीं है, अब पुलिस बीएनएसएस की धारा 180 के तहत् गवाह के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग करती है।
3. क्या एफआईआर धारा 173 बीएनएसएस में मौखिक, लिखित और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के माध्यम से दर्ज की जा सकती है? जी हॉं, अब एफआईआर धारा 173 बीएनएसएस में मौखिक, लिखित और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन के माध्यम से दर्ज की जा सकती है।
4. पता नहीं मेरे केस में आगे क्या हुआ? चिंता मत करो, अब पुलिस बीएनएसएस की धारा 193(3) के तहत् 90 दिनों में तुम्हें केस के प्रगति की सूचना देगी।
5. कोर्ट में मेरा बयान दर्ज होना है, लेकिन मुझे डर लग रहा है! डरो मत! तुम्हारा बयान बीएनएसएस की धारा 183(6) के तहत् महिला मजिस्ट्रेट लिखेंगी और बयान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम द्वारा भी लिए जा सकेंगे।
6. धारा 376 आईपीसी नए कानून में क्या हो गई है? धारा 376 आईपीसी नए कानून बीएनएस में धारा 64 हो गई है।
7. धारा 353 आईपीसी नए कानून में क्या हो गई है? धारा 353 आईपीसी नए कानून बीएनएस में धारा 132 हो गई है।
इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित जनता जिसमें छात्र-छात्राएं भी थे, को बीएनएस, बीएनएसएस व बीएसए के विभिन्न प्रावधानों के विषय में बताया। डीआईजी शहडोल रेंज ने बताया कि नए कानून न्याय पर आधारित हैं जबकि पुराने कानून दण्ड पर आधारित थे। इसी प्रकार एसडीएम ने भी बताया कि धारा 144 सीआरपीसी अब धारा 163 बीएनएसएस हो गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहडोल ने बीएनएस की विभिन्न धाराओं, जैसे – बीएनएस की धारा 137 (अपहरण), 64 (बलात्संग), 103 (हत्या) आदि के विषय में बताया। प्रोबेशनर आईएफएस अधिकारियों द्वारा भी नए कानून के विषय में विभिन्न धाराओं से जनता को अवगत कराया। सेवानिवृत्त डीपीओ शहडोल द्वारा नए कानून के विषय में बताया कि नए कानून जनहितकारी हैं और त्वरित न्याय के लिए बने हैं। डीएसपी मुख्यालय शहडोल ने भी भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के विषय में बताया जो कि अब नए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 23 हो गई है।


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