शहडोल(सीतेंद्र पयासी)।प्रदेश सरकार भले ही आदिवासी बाहुल्य ईलाकों में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था को लेकर संवेदनशील हो और इस पर लाखों करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। हालात ऐसे हैं कि आदिवासी बाहुल्य ईलाका आज भी कई मामलों में शोषित नजर आता है, और ऐसी तमाम शिकायते सामनें आ जाती है तो इस बात को पुष्ट करती नजर आती है। कुछ ऐसा ही मामला कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास सोहागपुर से सामनें आया है जहां 9 वीं कक्षा में पढ़नें वाली एक छात्रा के अभिभावकों द्वारा छात्रावास में प्रवेश दिये जानें के नाम पर वहां तैनात अधीक्षिका श्रीमती सुधा पटेल पर 3 हजार रुपये लेकर प्रवेश दिये जानें के गंभीर आरोप लगाये हैं। पीडित अभिभावकों नें मामले की शिकायत जनसुनवाई में करते हुये पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी कर न्याय की गुहार लगाई है।
*दाखिले के लिये पूर्व में ही कटा ली थी रशीद*
पीडित अभिभावकों नें विद्यालय की रशीद दिखाते हुये बताया कि उनके द्वारा जून माह में ही दाखिले का शुल्क जमा करा दिया गया था। उन्होनें बताया कि वह जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हैं। और अपनी बच्ची को बेहतर शिक्षा दिलाना चाहते हैं। शासन स्तर पर जहां तमाम योजनाएं संचालित हैं वहीं इन योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार है। जिम्मेदार अमला किसी भी हाल में मोटी कमाई करना चाहता हैं। पीडित नें बताया कि यदि वह इतनें ही सक्षम होते तो कहीं और अपनी बिटिया को पढ़ा लेते। अभिभावकों नें कहा कि वह 2 हजार रुपये का किसी तरह इंतजाम करके देनें तो तैयार भी थे लेकिन अधीक्षिका नहीं मानी जिससे व्यथित होकर और अपने बच्ची की भविष्य कि चिंता में उन्हें शिकायत कर न्याय की गुहार लगानें पर मजबूर होना पड़ा है।
*मनमर्जी की तर्ज पर तैनात है अधीक्षक*
एक तरफ जहां शासन स्तर पर अधीक्षकों कि नियुक्ति और शैक्षणिक व्यवस्था की जिम्मेदारी को लेकर तमाम नियम और मापदण्ड निर्धारित है वहीं जमीनी स्तर पर इनकी खुलकर धज्जियां उडाई जा रही है। जिले के छात्रावासों में अंगद के पैर की तरह जगह बनाये बैठे ऐसे तमाम अधीक्षक हैं जो अपनें मूल कार्यो से कोसो दूर है। छात्रावासों में लाखों रुपये के फंड और उसके व्यय की जानकारी को यदि बारीकी से जिम्मेदार खंगाले तो तमाम चौकानें वाले खुलासे सामनें आ सकते हैं। जानकार बताते हैं कि नीचे से लेकर ऊपर तक शासकीय राशि के दुरुपयोग और कमीशन के फेर के ऐसे तमाम पहलू हैं जिनमें जांच की आवश्यकता हैं लेकिन मैनेजमेंट के दम पर चलनें वाले इस खेल में सबकी भागीदारी कुछ इस तरह फिक्स है कि कोई इस दिशा में कार्यवाही नहीं करना चाहता। एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया बेटियों की शिक्षा को लेकर संवेदनशील हैं वहीं आदिवासी बाहुल्य इलाके से इस तरह की शिकायते सिस्टम के पारदर्शी रवैये पर सवाल खड़ी करती नजर आती है।
*कमिश्नर कार्यालय में आयोजित हुई जनसुनवाई, पीडित नें लगाई न्याय की गुहार*

इधर कमिश्नर कार्यालय के सभागार में मंगलवार को साप्ताहिक जनसुनवाई आयेाजित की गई। जनसुनवाई में संयुक्त आयुक्त विकास मगन सिंह कनेश ने शहडोल संभाग के दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों की समस्याएं एवं शिकायतें सुनी तथा निराकरण के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए। जनसुनवाई के दौरान शहडोल जिले के ग्राम पंचायत श्यामडीह निवासी मदन सिंह ने आवेदन देकर बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सोहागपुर की अधीक्षिका सुधा पटेल के पास मैंने पूर्व में छात्रावास का प्रवेश फार्म भरकर दे दिया था। उन्हीं के आश्वासन पर मैंने अपनी बच्ची कु०अंशिका सिंह को शासकीय कन्या उ.मा. विद्या. सोहागपुर जिला शहडोल में प्रवेश दिलाया था। छात्रावास से सम्बद्ध विद्यालय में प्रवेश दिलाने के पश्चात भी छात्रावास की अधीक्षिका श्रीमती सुधा पटेल द्वारा बिना तीन हजार रूपये लिये प्रवेश देने में असमर्थता जताई है। उन्होंने कहना था कि मेरे बच्ची को छात्रावास प्रवेश दिलाया जाएं। जिस पर संयुक्त आयुक्त विकास ने संबंधित विभाग के अधिकारी की ओर आवेदन प्रेषित कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। शहडोल जिले ग्राम गोडिनबूडा पोस्ट रेउसा निवासी भगवानिया सिंह एवं मायावती पांच ने आवेदन देकर बताया कि हम दोनों विगत कई वर्षाें से प्राथमिक पाठशाला गोडिनबूडा मे एमडीएम कार्यक्रम में सहायिका के पद पर कार्य करते आ रहे है। लेकिन वर्ष 2023 से अब तक का पारिश्रमिक का भुगतान नही किया गया है। उनका कहना था कि हमें सहायिका पद का मानदेय प्रदान किया जाए। जिस पर संयुक्त आयुक्त विकास ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल की ओर आवेदन प्रेषित कर मानदेय भुगतान करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार जनसुनवाई में शहडोल संभाग के दूर-दराज से आए अन्य लोंगो की भी सुनवाई की गई तथा निराकरण के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए गए। जनसुनवाई में उपायुक्त राजस्व श्रीमती मिनिषा पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थें।
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