बैठक में कलेक्टर डॉ केदार सिंह ने कहा कि आपदा अचानक आती है। हमें आपदाओं से बचाव हेतु हमेंशा तैयार रहना चाहिए। आपदाओं से बचाव हेतु टीमों को अच्छी तरह से प्रशिक्षण दिया जाए। जिससे बचाव टीम अच्छी तरह से बचाव कर सकें। कलेक्टर ने कहा कि अक्सर बाढ़ आपदा आने के बाद काफी नुकसान हो जाता है लेकिन बाढ़ समाप्त होने के बाद कई प्रकार की बीमारियां भी आ जाती हैं जो आपदाओं से कम नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि हमें बाढ़ का पानी निकल जाने के बाद आने वाली बीमारियों से बचाव के लिए भी तैयार रहना चाहिए। जिससे आपदा जादा बड़ा स्वरूप न ले पाए।
बैठक में उपस्थित आपदा से बचाव हेतु 11 एनडीआरएफ बटालियन बनारस के इंसपेक्टर श्री सुधीर सिंह ने आपदा के दौरान बचाव हेतु पूर्ण जानकारी दी। उन्होनें बताया कि हमें ऐसे क्षेत्र जहां पहले से आपदा आने की संभावना होती हैं वहां आपदाओं से बचाव हेतु हमें पूर्व में ही पूर्णरूप से तैयारी कर लेनी चाहिए। उन्होने बताया कि पूरे देश में एनडीआरएफ की 16 टीमें हर प्रकार की आपदाओं से बचाने का कार्य कर रही हैं। एनडीआरएफ की टीम अलग-अलग अपने क्षेत्रों में कार्य कर रही है। कहीं भी किसी प्रकार को कोई आपदा आती हैं तो सूचना मिलने पर संबंधित एनडीआरएफ की टीम वहां पहुचकर बचाव की कार्यवाही करती है।
उन्होनें बताया कि हमारी टीम को हमेशा तैयार रहने के लिए समय-समय पर मॉक एक्सरसाईज का कराया जाता है। इस एक्सरसाइज में आपदा से लड़ने की क्षमता को चेक किया जाता है। एक्सरसाइज के दौरान टीम मेें कमी को देखा जाता है तथा कमियों को दूर करने हेतु ट्रेनिंग दी जाती है।
बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने भी आपदा से बचाव हेतु सुझाव दिए।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत आर. अंजली, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अरविंद शाह, सहायक कलेक्टर सौम्या आनंद, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर प्रगति वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जैतपुर अमृता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर अन्तोनियो एक्का सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

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