शासन के नियमों को ताक में रखकर चल रहा है खेला

संलग्नीकरण के नाम पर मलाई खा रहे शिक्षक जिम्मेदार मौन


शहडोल(सीतेंद्र पयासी)। एक ओर जहां मध्यप्रदेश सरकार के उच्चशिक्षा विभाग के द्वारा जारी अपने आदेश में कहा गया है कि कोई भी शिक्षक अपने मूल पद को छोड़कर के संलग्नीकरण के नाम पर कही और पदस्थ हैं उनका संलग्नीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए उनको उनके संस्था में पदस्थ मूल पद में वापस लौटना होगा जिस आदेश का असर भी कई जगहों में कार्यवाही कर रूप में देखने को मिला है लेकिन इसके विपरीत कुछ जगहों पर शिक्षक अपने मूल पद को छोड़कर संलग्नीकरण के नाम पर मलाई खा रहे है।

                            क्या है मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करकी (संकुल करकी) में सीएसी के पद पर पदस्थ अरविंद गुप्ता व उनकी पत्नी कल्पना गुप्ता जिन दोनों का मूल पद शिक्षक का है लेकिन लगभग आज तीन वर्षों से दोनों पति पत्नी की जोड़ी अपने मूल पद शिक्षक को छोड़कर के संलग्नीकरण के नाम पर संकुल करकी में पदस्थ है लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा संलग्नीकरण समाप्त करने के जारी आदेश के बाद भी आज तक शिक्षा विभाग के किसी भी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी की नजर इन संलग्नीकरण पर नहीं पड़ी है।

                        क्या होगी कार्यवाही

शासन के द्वारा जारी आदेश के बाद कई जगहों के संलग्नीकरण के नाम पर पदस्थ शिक्षको को अपने मूल पद में वापस लौटना पड़ा है लेकिन अब देखने वाली बात यह होती है कि क्या जिम्मेदारो की नजर इस जोड़ी पर भी पड़ेगी जो संलग्नीकरण के नाम पर मलाई खाने का काम कर रहे हैं

                    प्रशासनिक प्रतिक्रिया

         मैं आपको नही पहचानता आपसे कल मिलता हूँ।

                        अरविंद गुप्ता

                        सीएसी करकी

यह नियम राजीव मिशन के शिक्षको पर लागू नही होता मैने लोगो से कहाॅ इनकी शिकायत करवाए।

                             पुष्पेंद्र सिंह

             प्राचार्य हायर सेकंडरी विद्यालय करकी

करकी संकुल से जुड़े अगले प्रकाशन के लिए बने रहिए कलयुग का घोटाला से।

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