कार्यक्रम की शुरुआत माँ तुलसी के पूजन अर्चन तथा गीता और श्रीफल से अतिथियों के स्वागत से हुई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पर्यावरण गतिविधि के विभाग संयोजक डॉ दिलीप कुमार तिवारी ने अपना विषय रखते हुए कहा वैश्विक जलवायु संकट वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण समस्या है। अब दुनिया के सभी देशों द्वारा इस जलवायु संकट से निपटने के लिए गंभीर प्रयास हो रहे हैं। यदि पर्यावरण के इस खतरे को नहीं टाला जा सका तो संपूर्ण विश्व विनाशकारी क्षति का सामना करने को विवश होगा। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि (PSG) यही उद्देश्य लेकर आपके सामने है , पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए हमें निरंतर प्रयास करना है –जिनमे
बाइक या इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे हरित और टिकाऊ परिवहन का उपयोग करके CO2 उत्सर्जन को कम करें। सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करें और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के साथ यात्रा साझा करें।प्राकृतिक रोशनी होने पर लाइट बंद करके और कम ऊर्जा वाले बल्बों का उपयोग करके ऊर्जा की बचत करें । कम ऊर्जा वाले बिजली के उपकरणों का उपयोग करें और जब ठंड का मौसम आए तो थर्मोस्टेट लगाएं जो तापमान को ठीक से नियंत्रित करते हैं ।पानी को गर्म करने में प्रयुक्त होने वाली ऊर्जा को संरक्षित करने तथा टपकने वाले उपकरणों की मरम्मत करने के लिए पानी का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करें।कम प्लास्टिक पैकेजिंग वाले उत्पाद खरीदकर, कचरे को कम करें, पुनः उपयोग करें और पुनर्चक्रित करें, घर पर कचरे को उचित तरीके से अलग करें और उपयोग की गई वस्तुओं को दूसरा जीवन दें।लोगों को अपने परिवार, सामाजिक और कार्य वातावरण के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाएं तथा ग्रह की देखभाल के महत्व के बारे में बताएं, ताकि जब CO2 उत्सर्जन को कम करने की बात आए तो वे सक्रिय हो जाएं। इसके लिए हमें जो करना है अपने घर और समाज में वह ध्यान देने योग्य है जलप्रबंधन, प्लास्टिक और नान-बायोडिग्रेडेबल सामग्री के उपयोग का उन्मूलन, पेड़ों की कटाई को हतोत्साहित करना और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना, प्राकृतिक संसाधनों के पुनर्चक्रण एवं पुनः उपयोग पर जोर देना, जलवायु नियंत्रण उपायों के प्रति जागरूकता पैदा करना, पर्यावरण संरक्षण के विषय को लोकविमर्श में लाना।
घर खुशी पाने का स्थान है। यदि कोई इसे यहां नहीं पाता है, तो वह इसे कहीं भी नहीं पाता है। इसलिए, यह हमारा कर्तव्य है कि हम सभी संरक्षण तकनीकों का पालन करके इसे रहने लायक जगह बनाएं। हर किसी को उन तकनीकों के बारे में जागरूक करने के लिए जिनका हर घर में आसानी से पालन किया जाता है घर को हरित घर बनाने के लिए यह परिवर्तन आवश्यक है -जल संरक्षण,वन संरक्षण,जीव संरक्षण,ऊर्जा संरक्षण,भूमि संरक्षण इस पर विस्तार से बात रखी।
मुख्य अतिथि पुष्पेन्द्र जैन ने पर्यावरण पर अपने विचार रखे और गतिविधि द्वारा रखे गए उदेश्यों की सराहना की , डॉ गंगा मिश्रा प्रचार्य-पर्यावरण को संवेदनशील अभियान बताते हुए कहा यह जरुरी है और हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है इसे जन जन का अभियान बनाये ,डॉ नीलिमा खरे ने अपने अनुभव साझा किया , गिरिधर माथांनकर विश्व पर्यावण और समस्याओ पर बात रखी।
इनको किया गया सम्मानित - सिया रोज़ गार्डन, पावन जागृति , गौ सेवा संस्थान,इको ब्रिक्स - आयुषी जैन,योग संस्थान - पूजा श्रीवास्तव अतुल सेन– राष्ट्रीय स्वयंसेवा योजना राष्ट्रपति के सामने सलामी देने पर प्रतिभा सम्मान ,दीपिका बर्मन प्लास्टिक की बोतलों का पुन: उपयोग,.सृष्टि गुप्ता– अल्टरनेटिव ऑप्शंस आफ प्लास्टिक बैग्स,कन्हैया दास–वस्त्र वितरण समारोह व ऊर्जा संरक्षण ,जय प्रकाश काछी - मधुमक्खी पालन।
सांस्कृतिक कार्यक्रम - पर्यावरण गतिविधि शहडोल द्वारा हरित संगम के समारोह में विभिन्न स्कूल के छात्र –छात्राओं द्वारा पर्यावरण से संबंधित नृत्य नाटिका ,गायन ,नृत्य की मनोहारी प्रस्तुतियाँ दी गई साथ में छात्र –छात्राओं द्वारा पर्यावरण से संबंधित पोस्टर बनाये गए सभी को सम्मानित किया गया ।
दिया गया प्रशिक्षण – इको ब्रिक्स ,जैविक खाद ,फिनायल किचेन में निकले कचड़े के प्रवंधन का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम का सञ्चालन राखी शर्मा ने किया ,कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भागेदारी –अनिल सिंह जिला संयोजक , सिद्धार्थ सिंह सह - जिला संयोजक ,रोहणी कुमार वर्मन , ,लीना महानन्द ,साक्षी राजपूत , रामरुची तिवारी , रोहनी बंजारा, आनंद यादव आदि थे।


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