बैठक में निर्णय लिया गया कि यह संगठन अब पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करेगा और किसी भी अन्याय या उत्पीड़न के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने में मदद करेगा। संगठन का लक्ष्य हर पत्रकार को सुरक्षा प्रदान करना और पत्रकारिता के मूल्यों को सशक्त बनाना रहेगा।
यह सिर्फ संगठन नहीं, मिशन है
आज का दौर पत्रकारिता के लिए चुनौतियों से भरा है कभी दबाव, कभी सेंसरशिप, कभी धमकियां और कभी असुरक्षा लेकिन मध्यप्रदेश विराट प्रेस क्लब अब हर पत्रकार के लिए एक ऐसा मंच बनेगा, जहां से कोई भी आवाज दबाई नहीं जाएगी। यह संगठन उन पत्रकारों के लिए एक अटूट कवच बनेगा, जो कलम की धार से सत्ता से सवाल करते हैं, जो जनता के लिए सच्चाई को उजागर करने की हिम्मत रखते हैं।
नई कार्यकारिणी, नई ऊर्जा, नया जोश
इस क्रांतिकारी बैठक में पत्रकारों के सबसे सशक्त योद्धाओं को संगठन की कमान सौंपी गई। नए नेतृत्व के साथ संगठन को अखंड मजबूती और अटूट एकता की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा। कार्यकारिणी में शामिल नाम पत्रकारिता के संघर्षशील और साहसिक कलमवीरों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बैठक में हाजी लुकमान सिंह, डॉ. नरेंद्र तिवारी, गणेश प्रताप सिंह दादू, राहुल सिंह राणा, पुष्पेंद्र चतुर्वेदी, मनोज सिंह, अनिल द्विवेदी, अखिलेश मिश्रा, अनिल तिवारी, जीतेन्द्र विश्वकर्मा, गणेश केवट, प्रतीक मिश्रा, शैलेन्द्र तिवारी, पुष्पेंद्र मिश्रा, छोटे गुप्ता, शैलेन्द्र द्विवेदी,अजय पाल जैसे समर्पित पत्रकार शामिल हैं। इनके अलावा प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, अमित गुप्ता, गोपाल जेठानी, सत्येंद्र कुमार सोनी, लक्ष्मण सिंह, संजीव निगम, अखिलेश द्विवेदी, कर्ण सिंह चंदेल, आशीष कचेर, शेखर खान, शेख समीर, श्याम दास मानिकपुरी, चंदन कुमार वर्मा और सुनील कुमार मिश्रा भी उपस्थिति रहें । यह टीम संगठन को नए आयाम देने और पत्रकारों के हक के लिए निर्णायक भूमिका निभाएगी।
अन्याय के खिलाफ एकजुट प्रतिकार
अब कोई पत्रकार अकेला नहीं होगा। अब कोई भी सत्य की खोज में संघर्ष करता पत्रकार खुद को असहाय महसूस नहीं करेगा। मध्यप्रदेश विराट प्रेस क्लब हर उत्पीड़ित, हर अन्याय के शिकार, हर सच के लिए संघर्षरत पत्रकार के साथ खड़ा रहेगा। अगर किसी भी पत्रकार पर दबाव बनाया गया, किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई हुई, तो पूरा संगठन उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होगा।
हर जिले में होगा मजबूती से विस्तार
संगठन को हर जिले, हर संभाग में विस्तार दिया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश भर के पत्रकारों को एकजुट करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। नियमित बैठकों, वर्कशॉप, कानूनी सहायता और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की रणनीति बनाई गई है। यह संगठन सिर्फ नाम का संगठन नहीं रहेगा, बल्कि पत्रकारिता के संघर्षों का सबसे ताकतवर हथियार बनेगा। अब वक्त आ गया है कि हर पत्रकार मध्यप्रदेश विराट प्रेस क्लब के साथ जुड़े और अपनी आवाज को और मजबूत बनाए। यह सिर्फ संगठन नहीं, क्रांति की पहली लहर है। अगर आप पत्रकार हैं, अगर आप सच के लिए लड़ते हैं, अगर आपको अपनी सुरक्षा और सम्मान की चिंता है तो इस आंदोलन का हिस्सा बनें। क्योंकि अब लड़ाई व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक होगी।

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