जिसके माध्यम से बच्चों को "स्वच्छता का गोला" नामक खेल खिलाकर स्वच्छता का महत्व समझाया गया। बच्चों के मध्य स्वच्छता हेतु जिम्मेदारी का भाव पैदा करने के लिए, उन्हीं में से एक बच्चे को 'स्वच्छता दूत' बनाया गया जो अपने आसपास विशेषकर विद्यालय परिसर में साफ सफ़ाई का ध्यान रखेगा।
स्वच्छता के प्रति बच्चों को जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस खेल में बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और साफ-सफाई की आदतों को अपनाने की शपथ ली । साथ ही "व्यक्तिगत स्वच्छता व साफ-सफाई" विषय पर स्वयंसेवकों द्वारा एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया , जिसमें विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी गई। इसी दौरान "हैंडवॉश कैंपेन" के अंतर्गत बच्चों को सही तरीके से हाथ धोने की विधि सिखाई गई। उन्हें बताया गया कि अपने आसपास सफाई रखने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है व बीमारियों का भी संक्रमण नही होता । ऐसी छोटी -छोटी आदतों को अपनाने से उन्हें कई लाभ होंगे।
यह साप्तहिक स्वछता अभियान महिला इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ज्योति सिंह एवं पुरुष इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हेमंत पाठक के मार्गदर्शन में वरिष्ठ दलनायक सुचिता तिवारी के नेतृत्व में इन दो दिवसीय अभियान को चलाया गया । जिसमें पहले दिन के कार्यक्रम मे समिल हुए वरिष्ठ स्वयंसेवक मलिहा फारूकी, वरिष्ठ दलनायक अनुराग कुमार मौर्य, दलनायक -उत्तरा विश्वकर्मा, हर्ष कुमार तिवारी, अमृता दुवेदी, शहीन खान, प्रीति विश्वकर्मा, अनामिका सिंह, नित्या कचेर, रागिनी, धनेश्वरी, अनुराग एवं सभी स्वयंसेवकों ने अपनी सहभागिता निभाई | वही दूसरे दिन की कार्यशाला के आयोजन में अनामिका सिंह धुर्वे, हर्ष तिवारी , नीलेश प्रजापति का विशेष सहयोग रहा।

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