जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत खन्नाथ अंतर्गत सेमरिया टोला निवासी आदिवासी बैगा परिवारों को कॉलरी के उस गंदे नाले का उपयोग पीने के लिए करना पड़ रहा है जो निस्तार के काबिल भी नहीं है। कॉलरी का जो पानी बैसहा नाला के रूप में बस्ती के पास से बहता है, उसमें झिरिया (छोटा गड्ढा) बनाकर पीने का पानी भरते हैं। झिरिया बनाने के बाद कई घंटे इंतजार करते हैं, जब उसमें पानी भर जाता है तो छोटे बर्तन से बाल्टी या डिब्बों में भरकर लाते हैं। बस्ती के लोगों का यह रोज का काम है। सुबह-शाम कई घंटे की मशक्कत के बाद कुछ बाल्टी पानी मिलता है।
खन्नाथ के सेमरिहा टोला के रहने 15-20 घरों में बैगा आदिवासी निवासरत हैं। इस बस्ती में पानी की कोई सुविधा नहीं है। यहां के रहने वाले रामप्रसाद बैगा, भोले बैगा, कमलेश बैगा, मुन्ना बैगा, छोटेलाल बैगा, कजरू, सुमुन बैगा, कतकी बैगा, भगवंत विमला बैगा आदि ने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत बरसात के दिनों में हो जाती है। क्योंकि नाला ऊफान पर होता है और झिरिया नहीं बनाया जा सकता। ऐसे में पीने का पानी दो किलोमीटर दूर दूसरी बस्ती से पानी लाने को मजबूर हैं।

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