कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक जयसिंहनगर मनीषा सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े शहर एवं गांव में दीपावली का पर्व पूरे हर्ष एवं उल्लास से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव में किसान, पशु एवं प्रकृति है तथा किसान प्रकृति की पशुओं मदद से ही खेती कर पाते हैं। उन्होंने कहा है की प्रकृति ने हमें बनाया है हमें प्रकृति की पूजा करनी चाहिए तथा प्रकृति की रक्षा भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे पानी एवं जानवर नहीं रहेंगे तो संसार का कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा। विधायक ने कहा कि कहा कि आधुनिक कृषि यंत्र आने से पहले किसान बैल की मदद से ही खेती कर पाते थे और आज भी गांव में बैल के माध्यम से ही खेती की जाती है। किसान गाय एवं बैल को परिवार का सदस्य मानकर पालते हैं। हमें पुरानी रीति रिवाज एवं त्योहारों को सदैव पारंपरिक तरीकों से ही मनाना चाहिए। रीति रिवाज एवं त्योहार में बदलाव नहीं करना चाहिए।
पशुपालन के लिए केवल हमें इच्छा शक्ति की जरूरत है पशुपालन करना चाहे तो हम सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से सब्सिडी एवं लोन लेकर पशुपालन बड़ी आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए मेडिकल टीम भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गौशाला में गाय पालने के लिए एक गाय के लिए 20 रूपए मिलता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40 रूपए कर दिया गया है।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री मुद्रिका सिंह,समाजसेवी सुशील शर्मा, अनिल साहू, पशुपालन विभाग के आरके पाठक, गांव के सरपंच सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।


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