जंगलों से कैसे कटती है कीमती लड़कियां
शहरो की ओर जंगली जानवरो का झुकाव
वास्तव में जंगली जानवरो के लिए उनका घर जंगल ही होता है पर यह बात वन परिक्षेत्र के आला अधिकारियो को कब समझ में आयेगी जिस खुशरवाह की बात हम कर रहे यहाँ आये दिन बीच रास्तो में शेर और भालू देखे जाते है इसका कारण क्या है इन जानवरो को शहरो की ओर आने के लिए मजबूर होना पडता है यह किसकी वजह से है यह उस क्षेत्र के जिम्मेदारो की कमी है जिन्हे यह भी पता नही होता कि लकड़ी कहा कटी है और जप्ती कहा कि होती है जब विपिन नट बीट गार्ड से सागौन की लकड़ी कटने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जप्ती कर कार्यवाही की गई है जबकि जिन लकड़ियों को उठवाया गया उसमें लिप्टिस,आंवला,सरई और सेधीं की लकडिया थी जिसका वहा पर उपस्थित लोगो नें फोन में वीडियो के माध्यम से सूट किया था। जबकि स्थल पर जाकर देखा गया तो ऐसा लग रहा था सागौन की लकड़ी आरी व टगिया से काटा गया है। अगर विपिन नट के अनुसार जप्ती हुई है तो कहा है इन्होने कहा कि लकडी जप्ती हुई वही इनके उच्च अधिकारी ने कहा कि मैं दिखवाता हूँ।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
जब इन्हें फोन लगाया गया तो घंटी जाने के बाद भी इनके द्वारा फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा गया।
दशरथ प्रजापती
डिप्टी
वन परिक्षेत्र जयसिंहनगर
सम्पर्क साधने की कोशिश की गई तो फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर आया।
दिनेश पटेल
वन परिक्षेत्राधिकारी जयसिंहनगर
आपने यह बात मेरे संज्ञान में लाई है मैं इसे कल दिखता हूं।
मुकुल सिंह ठाकुर
वन मंडलाधिकारी जयसिंहनगर


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