आज के राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम मुख्य वक्ता प्रोफेसर ऋषभ कुमार बोरकर ने अपनी व्याख्यान में वन संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर बोरकर ने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों एवं विधान के बारे में बताया जिनमें वन्य जीव संरक्षण की बात कही गई है ।
प्रोफेसर बोरकर ने इंडियन फारेस्ट एक्ट 1927 से लेकर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, चीता परियोजना, हाथी परियोजना, एवं अन्य परियोजनाओं के बारे में बताया। प्रोफेसर बोरकर ने हॉटस्पॉट क्षेत्र, संकटग्रस्त एवं संकटापन्न जातियां एवं वन्य जीव गलियारे को भी विस्तार से समझाया । प्रोफेसर बोरकर ने वनों के उत्पाद एवं वन्यजीवों से प्राप्त होने वाले उत्पादों के औषधीय एवं आर्थिक महत्व को समझाते हुए समाज कल्याण की बात कही।
कार्यक्रम के द्वितीय मुख्य वक्ता प्रोफेसर कौशलेंद्र कुमार ने अपने व्याख्यान में वन्य जीव संरक्षण को समाज कल्याण से जोड़ते हुए अपनी बात रखी। प्रोफेसर के कुमार ने वन्य जीव संरक्षण से पारिस्थितिक तंत्र को जोड़ते हुए शुद्ध वायु एवं शुद्ध भोजन की बात रखी । प्रोफेसर कुमार ने उत्पादक एवं उपभोक्ता के संबंध एवं वनों की कटाई से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। प्रोफेसर कुमार जी ने बताया कि यदि हम वन्यजीवों के आवास के साथ छेड़छाड़ करते हैं तो उसका दुष्परिणाम हमें देखने के लिए मिलता है। साथ ही आपके द्वारा वन्य जीव संरक्षण से रोजगार के अवसरों एवं आर्थिक स्थिति के सुधार की बात कही गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार द्विवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में वन्यजीवों के संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की बात कही। साथ ही आपके द्वारा महाविद्यालय स्तर पर वन्य जीव संरक्षण के संबंध में जागरूकता एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई ।
महाविद्यालय आई क्यू ए सी प्रभारी प्रोफेसर गजेंद्र परते द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ताओं, प्राचार्य, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया गया। आज के राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में डॉ. लवकुश दीपेंद्र राजनीति शास्त्र विभाग, डॉ. यदुवीर प्रसाद मिश्रा, डॉ अर्चना जायसवाल, डॉ प्रीति कुशवाहा, डॉ. मुनौवर अली, जसीम अहमद, दिलीप शुक्ला,जितेंद्र साकेत, आदित्य शुक्ला, राजेंद्र साकेत, डॉ प्रीति रजक,भागवत राज बरमैया, डॉ. सुरेश चौधरी, महेंद्र साकेत, रामपाल साकेत, रुपेश नागेंद्र, लक्ष्मी कोल, मुकेश सिंह ठक्कर, दीपक रानी मिश्रा, आराधना द्विवेदी एवं 200 से अधिक छात्र - छात्राएं उपस्थित रहे।


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