खण्ड चिकित्सा अधिकारी के निर्देशों की हो रही अवमानना, क्या स्वयं उत्तरदायी हैं दीवान


शहडोल(सीतेंद्र पयासी)- प्राप्त तथ्यों के अनुसार सिविल स्वास्थ्य केन्द्र जयसिंहनगर में पदस्थ खण्ड चिकित्सा अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ होते नजर आ रहे हैं, ऐसा ही आलम लगातार देखने को मिल रहा है, स्वयं खण्ड चिकित्सा अधिकारी के द्वारा यह कहते सुना जा रहा है कि उनके अपने ही चिकित्सक और नर्स स्टॉफ उनके आदेशों को नजर अंदाज कर रहे हैं, इसके साथ ही स्वास्थ्य केन्द्र में कहने को सुविधाएं तो हैं लेकिन उन सुविधाओं का पूर्ण लाभ क्या मरीजों को मिल पा रहा है या नहीं इस विषय को लेकर अन्य में संदेह है या नहीं यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन खुद खण्ड चिकित्सा अधिकारी महोदय के द्वारा विचार यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त हैं कि स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध होने वाली आवश्यक सुविधाओं के होने ना होने की विश्वस्त जानकारी दे पाने में वे असमंजस की स्थिति में घिरे हुए हैं।


सभी चिकित्सक नहीं रहते समय पर उपलब्ध 

सिविल स्वास्थ्य केन्द्र में व्याप्त समस्याओं को लेकर खण्ड चिकित्सा अधिकारी के दायित्व पर सुशोभित दीवान से जो जानकारी प्राप्त हुई है और उनमें सुधार की जिन बातों में अड़चन एवं सहयोग की बातें रखी गई है यह स्पष्ट करना भी एक अहम् मुद्दा बन जाता है, कि मुख्य प्रवेशिका गेट पर पूर्व स्थित हैण्डपम्प की स्थिति विगत वर्षों से बाधित है जो कि आपातकालिक परिस्थिति में आने-जाने वाले मरीजों एवं उनके सहयोगियों के लिए एकमात्र वैकल्पिक व्यवस्था है जबकि चिकित्सकों के सम्बन्ध में ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हो रहे हैं और समय पर स्वास्थ्य केन्द्र में उपस्थित नहीं रहते और ना ही खण्ड चिकित्सा अधिकारी(बीएमओ) के निर्देशों का पालन करते हैं। ऐसे में जिम्मेदार पद पर सुशोभित बीएमओ जब अपने ही निर्देशों का पालन करा पाने में असमर्थ हैं तो क्या इनके नेतृत्व में मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी ऐसा कहते अस्पताल में लोगों को सुना गया।

रक्तदान शिविर बना परिहास नहीं दिखे जनप्रतिनिधि

बीएमओ के.एल. दीवान से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिनाँक 05 जून, 2025 को समय 11:00 से 05:00 बजे तक सिविल स्वास्थ्य केन्द्र में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया लेकिन शिविर में होने वाली आवश्यक सुविधाएं अनुपलब्ध ही रही जहाँ रक्तदान शिविर के लिए ड्राय फ्रूट और कॉफी जैसी सुविधाएं होनी चाहिये वह नही दिखी, इसके साथ ही जब कोई अन्य कार्यक्रम करना होता है तो बीएमओ साहब को जनप्रतिनिधि नजर आते हैं लेकिन ऐसी क्या विवशता रही कि रक्तदान शिविर के लिए दीवान या दीवान के स्टॉफ ने जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया और इतना ही नहीं इनके द्वारा कैंप की भी कोई व्यवस्था नहीं थी जबकि 50+ आयु वाले रक्तदाताओं के लिए कैंप की व्यवस्था है ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या 50+ एज के लोग यदि रक्तदान करना चाहते तो क्या आनन-फानन में कैम्प लग सकता था अथवा बीएमओ दीवान को यह पूर्वाभास हो गया था कि 50+ एज वाले रक्तदान नहीं करेंगे।

लक्ष्य रक्तदान को पूर्ण करने विभाग के स्टॉफ से लिया सहयोग 

रक्तदान शिविर के आयोजन में बीएमओ दीवान द्वारा जानकारी दी गई लेकिन एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी होने के नाते जो दायित्व होना चाहिए उस दायित्व का निर्वाह करने में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। जहाँ अन्य कार्यक्रमों के लिए बीएमओ दीवान जी अपने चहेतों के रूप में जनप्रतिनिधियों को बुलाते रहे हैं वहीं इस शिविर में वह ना तो टेन्ट कैम्प की व्यवस्था करा पाए और ना ही जनप्रतिनिधियों को बुला पाए इसके साथ ही कॉफी और ड्रायफ्रूट की जहाँ व्यवस्था नहीं दिखी वहीं एक फ्रूटी मात्र देकर व्यवस्थाओं से पल्ला झाड़ लिया गया जबकि रक्तदान शिविर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने स्टाफ एवं रोगी/सहयोगियों मात्र से रक्तदान में सहभागिता निभाने के लिए कहा गया व शायं 04:15 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 से कम लोगों ने ही रक्तदान किया।

जहाँ पदस्थापना के कुछ ही समय पश्चात स्वास्थ्य केन्द्र की आवश्यक सुविधाओं में अड़चनों को लेकर दिए जाने वाले बयानों से एक ओर लगातार सिवल स्वास्थ्य केन्द्र जयसिंहनगर खण्ड चिकित्सा अधिकारी के.एल. दीवान विवादों में घिरे रहे हैं वहीं अज्ञानतावश या जानबूझकर किया जाने वाला पुनः इनका ऐसा बर्ताव निश्चित रूप से एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाने वाला है।

Post a Comment

Previous Post Next Post