चिकित्सक विहीन अनुभव कर रहा क्षेत्र, वर्तमान बीएमओ का नेतृत्व रहेगा कैसा


शहडोल(सीतेंद्र पयासी)- गौरतलब है कि हाल ही की तारीखों तक जहाँ 50 बिस्तरीय सिविल स्वास्थ्य केन्द्र में तीन चिकित्सकों के द्वारा सैंकड़ों ग्रामों के आश्रित ग्रामीणों व शहरीजन रोगी/घायलों का उपचार चल रहा था, वहीं अब यह व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है क्योंकि अब वर्तमान में बीएमओ के साथ केवल एक अन्य चिकित्सक ही सिविल स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध हैं। ज्ञातव्य है कि वर्तमान बीएमओ केएल. दीवान की मरीजों के प्रति स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराने में उदासीनता बरतने के बावजूद भी जयसिंहनगर स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ पूर्व बीएमओ डॉ. राजेश तिवारी एक आधार स्तम्भ के रूप में रोगियों/घायलों के लिए विश्वास का वरदान साबित हुए, और अपने कार्य दायित्व को लगनशीलता से निभाने के कारण संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, भोपाल द्वारा दिनांक 07/06/2025 को जारी पत्र क्रमांक क्र./01जी/विज्ञप्त/सेल-5/2005/546 के अनुसार प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी(सीएमएचओ) जिला पन्ना के लिए प्रमोटेड होकर पदभार ग्रहण किया, लेकिन जहाँ एक ओर डॉ तिवारी के प्रमोशन से क्षेत्र में उनके प्रति शुभकामनाएं प्रेषित की जा रही हैं, वहीं जयसिंहनगर स्वास्थ्य केन्द्र के लिए उनके समकक्ष योग्य कोई चिकित्सक क्या पुनः क्षेत्र को मिल सकेगा इस बात को लेकर लोगों में एक अलग उदासी देखी जा सकती है। 

        बीएमओ दीवान क्या निभा पाएंगे जिम्मेवारी 

सिविल स्वास्थ्य केन्द्र जयसिंहनगर में पदस्थ वर्तमान बीएमओ केएल. दीवान का रूख जहाँ उनके दायित्व निर्वहन को लेकर एक अलग ही अंदेशा अपने आप में समेटे हुए है तो वहीं सूत्रों से जो जानकारी मिली उसके अनुसार स्वास्थ्य चिकित्सा की बेहतरी में भी इनका रिजल्ट उम्मीद से कम ही रहा है, जबकि शासन की जहाँ एक नीति है कि स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक 24 घण्टे उपलब्ध रहने चाहिए, वहीं बीएमओ केएल. दीवान पर एक यह भी प्रश्न उठ रहा है कि क्या वर्तमान में इलाज की बेहतरी का इनका क्या प्लॉन होगा और अपने अतिरिक्त केवल एक अन्य डॉक्टर के सहारे क्या इनके द्वारा 24 घण्टे शहरी क्षेत्र सहित सैकड़ों ग्राम के आश्रित ग्रामीण रोगी/घायलों को बेहतरीन प्राथमिक उपचार के साथ ही अच्छी चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सकेगी या फिर डॉ तिवारी के समकक्ष किन्हीं अन्य योग्य व ईमानदार चिकित्सक को क्षेत्रीय चिकित्सा सुविधा हेतु उपलब्ध कराने में ये अपनी भूमिका अदा कर पाएंगे, ये तमाम सवालात् वर्तमान बीएमओ के प्रति जन-मानस में हैं, लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सवाल इसलिये भी खण्ड चिकित्सा अधिकारी पर लग रहे हैं क्योंकि कुछ गम्भीर मामलों में मरीजों/रोगियों को प्राप्त होने वाली सुविधाओं की उपलब्धता में इनकी सक्रियता शून्य के ही लगभग ही रही है।

यद्यपि जहाँ सिविल स्वास्थ्य केन्द्र की वर्तमान व्यवस्था पर बीएमओ दीवान पर प्रश्न उठ रहे हैं वहीं यह भी नकारा नहीं जा सकता कि चिकित्सकों के अभाव में व कार्य दायित्व के प्रति उपलब्ध केवल दो चिकित्सकों की उदासीनता से त्राहिमाम् की भावी परिस्थिति परिलक्षित हो रही है।

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