भोपाल/शहडोल :- नगरीय निकाय अंतर्गत बस स्टैण्ड स्थित सांदीपनि विद्यालय में रावण दहन होने से पूर्व ही स्वर्ण मृग मारीच रूपी भ्रम उत्पन्न करती मृगमारीचिका की भांति रावण का साधु भेष दिखता नजर आ रहा है। अभी हाल ही में बैनर तस्वीर मामले के सन्दर्भ में आपत्तिकर्ताओं द्वारा द्रोण चक्रव्यूह रचकर भय एवं छल को शस्त्र बनाते हुए कार्यक्रम को असफल करने का सम्पूर्ण प्रयास किया गया, किंतु जब बात नहीं बनी तो आपत्तिकर्ताओं द्वारा मामला प्रशासनिक कठघरे में ले जाकर राजनैतिक दबाव देते हुए, स्वयं के मुकाबले धन, बल व राजनीतिक पकड़ में कमजोर लोगों को बलि का बकरा बनाने के लिए पूरा प्रयास किया गया, किंतु त्वरित सही निर्णय लेने की क्षमता में कुशल प्रशासनिक अधिकारियों को भी इन राजनैतिक आपत्तिकर्ता चेहरों के पीछे का षडयंत्र स्पष्ट रूप से समझ आ गया और जिसके चलते इन्हें प्रशासनिक कठघरे में भी अपने द्रोण चक्रव्यूह को टूटकर बिखरता देखने के लिए विवश होना पड़ा।
फिर बना बैनर लेकिन अहंकारवश अध्यक्ष को किया गायब
दशहरा महोत्सव को शांतिप्रिय तरीके से मनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आपत्तिकर्ताओं एवं आयोजक समिति को सामंजस्य बनाए रखने की समझाईस दी गई, किंतु बीतते वक्त के साथ नए बैनर से आयोजक समिति के अन्य सभी सक्रिय सहयोगी सदस्यों की तस्वीर को गायब कर दिया गया लेकिन हद तो तब हो गई जब अध्यक्ष को ही बैनर से गायब कर दिया गया, जिससे कि आपत्तिकर्ताओं की तुष्टीकरण की राजनीति पर ग्रहण ना लगने पाए जबकि उसी बैनर में उन सभी की तस्वीरें शामिल कर ली गई जिनका इस महोत्सव कार्यक्रम में अब तक कण मात्र भी सहयोग नहीं मिला है। एक ओर जहां सांस्कृतिक परंपरा के आयोजन को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा चिन्हित कर दशहरा कार्यक्रम के लिए समर्पित एवं सक्रिय व्यक्ति को अध्यक्षता सौंपी गई वहीं आपत्तिकर्ताओं की सहभागिता स्वीकार करने के पश्चात भी आपत्तिकर्ता टीम के नवनिर्मित बैनर से अध्यक्ष को गायब कर देने की मानसिकता से क्षेत्रवासियों में स्वार्थ व महत्वाकांक्षा की राजनीति का संदेश जाना स्वाभाविक है।


Post a Comment