उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षित युवाओं के साथ हो कर रही धोखा


शहडोल(सीतेंद्र पयासी)। उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश द्वारा शासकीय महाविद्यालय में रिक्त पदों की विरुद्ध अतिथि विद्वानों की भर्ती पिछले दो वर्षों से टाली जा रही है मध्य प्रदेश की शासकीय महाविद्यालय में अध्ययन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा योग्य शिक्षकों के अभाव में नहीं दी जा रही है।

कभी पी एस सी से नियुक्त और कभी पूर्व से कार्यरत अतीथ विद्वानों के रीलोकेशन फॉलेन आउट फिर से रीलोकेशन फलेन आउट के चक्कर में हजारों युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। 

उच्च शिक्षा विभाग नई भर्ती के लिए समय सारणी निकलता है और उसे आगे के लिए बिना किसी ठोस कारण के टाल दिया जाता है प्रत्येक वर्ष उच्च शिक्षित युवा नेट सेट पीएचडी क्वालिफाइड करके अपने अवसर के इंतजार पर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 

मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसके तहत 25% रिजर्वेशन कॉलेज में कार्यरत अतिथि विद्वानों को दिया जाएगा जिसके लिए हजारों युवा अतिथ विद्वान बनने के लिए आवेदन करते हैं लेकिन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जाती ऐसा नहीं है की महाविद्यालय में रिक्त पद नहीं है हजारों रिक्त पद अलग-अलग विषय में है लेकिन उन पर अतीथ विद्वान की नियुक्ति को बार-बार टाला जा रहा है। 

हजारों योग्य उम्मीदवार शासन की इस रवैए से नाखुश, नाराज और चिंतित हैं। मध्य प्रदेश शासन प्रत्येक वर्ष राज्य पात्रता परीक्षा न जाने कितने पीएचडी नेट क्वालीफाई करके उसे शिक्षित संस्थान में कार्य करने का सपना लिए युवा को अवसर से वंचित किया जा रहा है।

एक लोकतांत्रिक देश में समान अवसर जैसे संवैधानिक अधिकार से युवाओं को वंचित किया जा रहा है।

हजारों उम्मीदवार उच्च शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलने की राह देख रहे हैं आगामी दोनों में हजारों की संख्या में उच्च शिक्षित युवा भोपाल पहुंचकर अपनी बातें रखने के लिए विवश हो रहे हैं।

इस पत्र के साथ पूर्व के समय सारणी संलग्न है।

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