पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन


शहडोल(सीतेंद्र पयासी)। विश्व पोलियो दिवस, 24 अक्टूबर, 2024 के उपलक्ष्य में, आज पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय, शहडोल के जैव प्रौद्योगिकी विभाग एवं  माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया, के सयुक्त तत्वाधान में  शहडोल क्षेत्र द्वारा "सूक्ष्मजीवों से चमत्कारों तक: कैसे टीके जीवन को बदलते हैं और पोलियो को हराते हैं" शीर्षक से एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अग्रणी विशेषज्ञ और समर्पित शिक्षाविद एक साथ आए। इस कार्यक्रम में पोलियो की रोकथाम के प्रयासों पर विशेष ध्यान देने के साथ, बीमारियों के उन्मूलन में टीकों के महत्व को रेखांकित किया गया। संगोष्ठी में माननीय कुलगुरु प्रो. रामशंकर मुख्य अतिथि की गरिमामयी उपस्थिति ने शोभा बढ़ाई, प्रो. रामशंकर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक जांच की भावना को बढ़ावा देने में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनके प्रेरक उद्वोधन ने उपस्थित लोगों को निवारक स्वास्थ्य उपायों और वैज्ञानिक अनुसंधान की वकालत जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। 

कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाते हुए, कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए और समाज को लाभ पहुंचाने वाली स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बीमारियों से लड़ने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए इस तरह के प्रभावशाली सेमिनार के आयोजन के लिए माइक्रोबायोलॉजी सोसायटी की सराहना की। विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रवीण शर्मा ने भी भाग लिया और स्वास्थ्य विज्ञान की अंतःविषय प्रकृति को रेखांकित करते हुए एक व्यावहारिक भाषण दिया। सेमिनार के प्रमुख वक्ताओं में बिरसा मुंडा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, शहडोल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. अभिषेक गौर शामिल थे, जिन्होंने संक्रामक रोगों को समझने और उनसे निपटने में माइक्रोबायोलॉजी की भूमिका पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। आईडीएसपी, शहडोल के जिला महामारी विज्ञानी डॉ. अंशुमान सोनारे ने पोलियो, टीकों की प्रगति और पोलियो मुक्त दुनिया को प्राप्त करने के लिए शेष महत्वपूर्ण कदमों पर एक जानकारीपूर्ण सत्र के साथ दर्शकों को जोड़ा। बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख और सेमिनार के संयोजक प्रो. के. कुमार को कार्यक्रम में उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया की राज्य समन्वयक डॉ. योगिता बसेने, सहायक प्राध्यापक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने की, उन्होंने सेमिनार के आयोजन की बारीकी से देखरेख की, उन्होंने सेमिनार के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया और सेमिनार में भाग लेने वाले छात्रों के उद्देश्य और पंजीकरण का उल्लेख किया तथा इस महत्वपूर्ण कार्य में उनके योगदान के लिए माइक्रोबायोलॉजी सोसाइटी को धन्यवाद दिया। संकाय, छात्रों और आमंत्रित अतिथियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया, जिससे टीके से रोके जा सकने वाली बीमारियों के बारे में ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता दिखाई दी। कार्यक्रम का समापन उद्देश्य की नई भावना के साथ हुआ, क्योंकि वक्ताओं और उपस्थित लोगों ने पोलियो उन्मूलन प्रयासों का समर्थन करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना जारी रखने की शपथ ली। कर्यक्रम में मुख्या रूप से प्रो प्रमोद पांडेय ,डॉ उमा सिंह ,डॉ ममता प्रजापति ,डॉ रचना दुबे और सेमिनार सञ्चालन समिति के सभी  सदस्य डॉ मनीषा ,डॉ रूचि ,डॉ हेमंत पाठक के साथ बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेट के छात्र -छ्त्राएं एवं शोधार्थी अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

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