प्रशासन की मौन स्वीकृत से अवैध कोयला माफियाओ के हौसले हो रहे बुलंद

कोलफील्ड्स सोहागपुर एवं अमलाई थाना के बटुरा का मामला


भोपाल/शहडोल(सीतेंद्र पयासी)। नवागत पुलिस अधीक्षक के आगमन पर लोगों ने कार्यवाही की आस लगाई है हर किसी की जुबान पर अवैध कार्य करने वालों पर कार्यवाही के आसार बने हुए हैं लोगों की आशा कितनी कारगर होगी यह कार्यवाही ही बताएगा।

शहडोल जिले अंतर्गत थाना अमलई के ग्राम बटुरा में हो रहे अवैध कोयला उत्खनन एवं चोरी को लेकर आए दिन खबरें प्रकाशित होती रहती हैं यही नहीं बल्कि सोशल मीडिया में बने ग्रुपो में भी लोगों द्वारा इस अवैध कोयला चोरी को लेकर पोस्ट के माध्यम से विरोध प्रदर्शित करते हैं उसके बाद भी कार्यवाही कोसों दूर दिखाई दे रही है और माफिया के हौसले और भी बुलंद हो रहे हैं इन माफियाओ द्वारा अपनी रोटी सेकने के चक्कर में लोगों की जान तक दाव पर लगवा दी जाती है तभी तो इस बटुरा कोयला खदान ने कई लोगों की जान भी ले चुका है। उसके बाद भी इन माफियाओं द्वारा ना अपने कार्य में सुधार किया जाता है और ना ही इस अवैध कारोबार को रोका जा रहा है।

                 दिखावे की होती है कार्यवाही

जन चर्चा की माने तो ऐसा नहीं है कि इस बटुरा खदान में कार्यवाही नहीं हुई लेकिन वह कार्यवाही महज कुछ समय के लिए ही होती है उसके बाद अवैध कोयला व्यापारियों द्वारा पुन: इस कार्य को प्रारंभ कर दिया जाता है। इस खदान को पूर्व में प्रशासन द्वारा चूने से  भटवाया गया था। यह कार्यवाही तब तक के लिए होती है जब तक हुई घटना की बाते शांत नहीं हो जाती उसके बाद फिर से अवैध कोयला चोरी का कारोबार संचालित हो जाता है। जबकि जन चर्चा की माने तो शहडोल अनूपपुर के मेन रोड से कोयला निकालकर बड़े-बड़े शहरों जिनमें कटनी, इलाहाबाद जैसे जगह पर भेजकर अवैध कोयला व्यापारियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा हर रकम वसूल की जाती है। 

                  शासन के खजाने में चोरी

कोयला व्यापार से जहां शासन के खजाने में एक अच्छी राशि का मुनाफा होता है वही इन माफियाओ द्वारा उस खजाने में सेंध करने का काम कर रहे हैं तभी तो शासन के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चोरी कर अवैध कोयला माफियाओ द्वारा शासन की राशि को अपने हिस्से में करने की पुरजोर कोशिश की जाती है एवं उनके द्वारा शासन के खजाने में सेंध करने पर सफल भी हो जाते हैं।

                कोलफिल्ड्स के जिम्मेदार मौन

शासन प्रशासन द्वारा जहां कोयले की सुरक्षा के लिए अधिकारियों की नियुक्ति जीएम एवं एरिया मैनेजर के रूप में की गई है पर क्या इनके द्वारा अपनी जिम्मेदारी को बखूबी तरीके से निभाया जा रहा है अगर निभाया जाता तो बटुरा से पार होने वाले अवैध कोयले का व्यापार संचालित ही नहीं होता इससे यह स्पष्ट कर रहा है कि उनकी मौन स्वीकृत कहीं ना कहीं होगी तभी तो कोयले का एक बड़ा हिस्सा चोरी करने में माफिया सफल हो जाते हैं यह चोरी कही और से नहीं बल्कि इन्हीं के क्षेत्र से हो रही है उसके बाद भी इन्हें या तो खबर नहीं होती या फिर इनके द्वारा जानबूझकर अनजान बनने का नाटक किया जाता है जहां बटुरा से इस कोयला चोरी का मामला चारों ओर शोर कर रही है वही उस क्षेत्र से जुड़े विभाग के अधिकारियों को नहीं पता है यह बड़ी बात है और खास कर जब वह कार्यवाही ना कर पाए। जहां कोलफिल्ड्स के जीएम के द्वारा यह कहा जाता है कि हमारी सिक्योरिटी बहुत मजबूत है वहीं दूसरी ओर जन चर्चा का विषय कोयला के अवैध व्यापार को चीख चीख कर बया कर रहा है।

                      प्रशासनिक प्रतिक्रिया

जब संबंधित विषय में इनसे बात की गई तो इनके द्वारा बताया गया कि बटुरा क्षेत्र से किसी तरह का कोई अवैध कोयला चोरी नहीं होता हमारी सिक्योरिटी वहां पर मजबूती से कार्य कर रही है।

                    पी श्री कृष्णा ( जीएम)

                 कोलफिल्ड्स सोहागपुर क्षेत्र

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