मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव भोपाल से हुई शिकायत

अंग्रेजी शराब दुकान का ठेकेदार आखिर क्यों है शहडोल जिले के प्रशासन पर हावी

                    (सीतेंद्र पयासी संपादक)

भोपाल/शहडोल। शहडोल जिले के नगर परिषद ब्यौहारी अंतर्गत रहवासी क्षेत्र रीवा शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग जनपद पंचायत के सामने अथर्व पैरामेडिकल कॉलेज के बगल से संचालित देशी/ विदेशी मदिरा शराब दुकान को तत्काल हटाकर अन्यत्र जगह सुनियोजित किये जाने एवं शराब ठेकेदार व जिला आबकारी अधिकारी शहडोल पर कार्यवाही किए जाने हेतु मांग की गई।


शिकायतकर्ता लोकतांत्रिक भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित राजेश मिश्रा द्वारा अपने आवेदन में कहा गया कि शहडोल जिले के नगर परिषद ब्यौहारी में मेन मार्केट रहवासी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग रीवा शहडोल से लगी हुई देशी/ विदेशी मदिरा शराब दुकान विगत कई वर्षों से संचालित है मदिरा दुकान के बगल से अथर्व पैरामेडिकल कॉलेज शैक्षणिक संस्थान संचालित है तथा उसके बिल्कुल सामने महिला बाल विकास केंद्र, जनपद पंचायत कार्यालय, लोक सेवा केंद्र, अजीविका मिशन का ऑफिस भी है उक्त मामले की शिकायत कई बार स्थानीय समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौप कर मदिरा दुकान को नगर के बाहर दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की मांग ब्यौहारी प्रशासन सहित जिला कलेक्टर शहडोल एवं जिला आबकारी अधिकारी शहडोल से की गई परंतु आज दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा उक्त मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया, ना ही दुकान हटाई गई इसी के साथ ठेकेदार को दुकान अन्यत्र जगह व्यवस्थित करने के लिए कोई पत्र जारी भी नही किया गया। स्थानीय समाचार पत्र पत्रिकाओं में भी आए दिन निरंतर अवैध शराब दुकान संचालक की खबरें प्रकाशित होती रहती हैं तथा अथर्व पैरामेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा भी शहडोल जिला कलेक्टर को पत्र जारी कर मदिरा दुकान कॉलेज के बगल से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की मांग की गई।

जहां आबकारी नियमों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग से किसी भी अंग्रेजी शराब दुकान का साइन बोर्ड नहीं दिखना चाहिए उसके उपरांत भी ब्यौहारी में अंग्रेजी शराब दुकान के ठेकेदार ने ऐसा कौन सा जुमला चलाया की स्थानीय प्रशासन से लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारी भी नतमस्तक दिखाई देते हैं। जनचर्चा की माने तो इसके पूर्व जनप्रतिनिधि के द्वारा कई बार इसका विरोध किया गया। यही नहीं बल्कि इस शराब दुकान को हटाने के लिए जनप्रतिनिधि एवं आम जनमानस द्वारा धरना प्रदर्शन भी किया गया किंतु उसके बाद भी अंग्रेजी शराब दुकान के ठेकेदार का इस तरह बोल वाला चला कि दुकान टस से मस नहीं हुई आखिर इसका जिम्मेदार कौन है अगर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाते तो अंग्रेजी शराब दुकान कोसों दूर दिखाई देती पर क्या ऐसा हुआ नहीं हुआ तो आखिर क्यों जिसकी वजह है कि आज दिनांक तक आबकारी के नियमों का किसी प्रकार से कोई भी समाधान नहीं निकल पाया अगर शासन-प्रशासन के नियमों को इसी तरह तार-तार किया जाने लगा तो फिर उन नियमों का कहां वर्चस्व रह जाएगा। जिसका उन्ही संबंधित अधिकारियों द्वारा दुहाई दी जाती है जो इससे जुड़े हुए है और चिंकी जवाबदारी होती है कि नियमों का पालन होना चाहिए।

जहां एक ओर शिक्षा को महत्व देते हुए शासन प्रशासन द्वारा नए-नए सीएम राइज विद्यालय एवं पीएम महाविद्यालय बनवाकर उसे संचालित करने का हर संभव प्रयास कर रही है कि शिक्षा का स्तर बढें वहीं दूसरी ओर इन जैसे अंग्रेजी शराब दुकान के ठेकेदारों द्वारा उन शिक्षाओं को किस तरह से दरकिनार किया जाता है यह ब्यौहारी में आसानी से देखा जा सकता है तभी तो अथर्व पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक द्वारा शिकायत करने के उपरांत भी वह दुकान वहां से नहीं हटी जहां शिक्षा संस्कारों से बंधी होती है वही जब कोई शिक्षा जैसे मंदिर के आसपास अन्यत्र कृतियों को सहारा दे रहा हो तो फिर शिक्षा का महत्व रह कहां जाएगा। क्योंकि जब शराब दुकान उस महाविद्यालय के आसपास होगी तो स्वाभाविक सी बात है कि असमाजिक तत्वों का जमावड़ा होना तय है।

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